केपी रिपोर्टर, निभा झा जनकपुरधाम ७ साउन । आई देवोके देव महादेवके भक्ति एवं श्रद्धा पूर्वक पुजा–अराधना क, जल चढाओल जारह अछि ।
भगवान शिवके पुजा–अराधना एवं जल अर्पण करबाक हेतु श्रावण मासक आई पहिल सोंम दिन शिवभक्तसब धार्मिक नगरी जनकपुरधाम सहित नेपाल–भारतक विभिन्न शिवालयसबमे पहुँचल छल ।
देवाधीदेव शिव शंकरके पुजा करबाक लेल आई धार्मिक नगरी जनकपुरधामक बिचोबिच शिवचौक पर रहल शिव मन्दिर,जनकपुरक पुरवमे रहल कपिलेश्वरनाथ आ सतोखरमे रहल महादेव मन्दिर, तहिना उत्तरमे रहल क्षिरेश्वरनाथ,पश्चिममे रहल जलेश्वरनाथ महादेव मन्दिर आ दक्षिण सिमाञ्चल क्षेत्र कलनामे रहल कलाणेश्वरनाथ महादेव मन्दिर तथा जनकपुरधाम उपमहानगर पालिकाक सोनापाडामे रहल सोनेश्वरनाथ मन्दिरमे भिनसरे स भक्तजनके भिड देखलगेल अछि ।
अहि प्रकारे जटाधारी शिवके पुजा–अराधना एवं जल अर्पण करबाक हेतु महोत्तरी जिल्लाक उत्तरी क्षेत्र जंगलमे अवस्थित टुटेश्वरनाथ महादेव,तहिना मगरथानाक मंगलनाथ महादेव मन्दिरमे सेहो दुर दुर स शिवभक्तसब पहुँचल छथि ।
मन बाञ्छित फल भेटबाक जनविश्वासक संग हिन्दु धर्मावलम्बिसब श्रावण मासमे भगवान भोलेनाथके जल,फुल,बेलपत्र,धथुरक फुल तहिना आम,लताम,केरा,नाशपाती,स्याउ लगायतक फलसब चढा पुजा अराधना करैत अछि । त, मिथिलानीसब श्रावण मासक सोंमदिन व्रत सेहो करैत छथि ।
पौराणिक मान्यता अनुसार श्रावण महीनाके देवों के देव भगवान महादेब के महीना मानल जाईत अछि ।
अहि संबंध में रहल पौराणिक कथा अनुसार जब सनत कुमारसब महादेव स श्रावण मास प्रिय होबएके कारण पूछलथि त महादेव भगवान शिव हकल्खीन्हजे जब देवी सती अपन पिता दक्ष के घर में योगशक्ति स शरीर त्याग कयलिह, ओहि स पहिनही देवी सती महादेव के हर जन्म में पति के रूप में प्राप्त करबाक प्रण कएने छलिह ।
अपन दोसर जन्म में देवी सती पार्वती के नाम स हिमाचल आ रानी मैना के घर में पुत्री के रूप में जन्म लेलिह। पार्वती युवावस्थाक श्रावण महीने में निराहार रहि कठोर व्रत कएने आ महादेवके प्रसन्न क विवाह कएने जहीके बाद स महादेव के लेल श्रावण माह विशेष भेल अछि।